26 जनवरी के मौके पर अगर आप घूमने-फिरने का सोच रहे हैं तो यहां दिए गए ट्रैैवल डेस्टिनेशन पर डालें एक नजर, जहां जाकर आपको देशभक्ति का अलग ही अहसास होगा।
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वाघा बॉर्डर, पंजाब
इंडिया में अमृतसर और पाकिस्तान में लाहौर के बीच में स्थित गांव है वाघा, जहां से दोनों देशों की सीमाएं लगती है। भारत और पाकिस्तान यही एकमात्र सड़क मार्ग है। यहां से अमृतसर की दूरी 32 किमी और लाहौर की दूरी 22 किमी है। यहां रोज़ाना होने वाला झंडा उतारने का रंगारंग कार्यक्रम देखने वाला होता है। जिसमें हिस्सा लेने देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। और राष्ट्रगान गाकर, जय भारत माता के नारे लगाकर वहां मौजूद सैनिकों का मनोबल ऊंचा करते हैं। तो यह एक बहुत ही अच्छी जगह है गणतंत्र दिवस मनाने के लिए।
साबरमती आश्रम, गुजरात
साबरमती नदी के तट पर बना साबरमती आश्रम, जहां से गांधी जी ने दांडी यात्रा की शुरुआत की थी। वैसे इस जगह को 1930 में नमक आंदोलन के लिए भी जाना जाता है। यहां महात्मा गांधी 12 सालों तक रहे और लोगों को सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रशिक्षित किया। हालांकि अब इस जगह पर्यटन स्थल में तब्दील कर दिया गया है जहां हर साल लगभग 7 लाख लोग घूमने आते हैं। आश्रम में गांधी जी से जुड़ी सभी चीज़ों को बहुत ही संभाल कर रखा गया है। यहां एक लाइब्रेरी भी है जिसमें 35000 किताबें, 34111 पत्र, 1371 पांडुलिपियां, 210 हिंदी, गुजराती और इंग्लिश में फिल्म, 106 वीडियो कैसेट्स, 612 ऑडियो कैसेट्स और गांधी जी की एक डायरी है। तो गणतंत्र दिवस के मौके पर यहां आने का प्लान कर अपने दिन को खास बनाया जा सकता है।
लाल किला, दिल्ली
लाल किला, जिसे रेड फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है जो पुरानी दिल्ली में स्थित है। यहां के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में शामिल ये किला 250 एकड़ में फैला हुआ है और इसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है। भारतीय, फारसी और यूरोपीय वास्तुकला का शानदार नमूना इस किले में देखने को मिलेगा। 26 जनवरी के मौके पर यहां आकर भी अपना पूरा दिन एन्जॉय कर सकते हैं। यहां एक चट्टा चौक मार्केट है। जहां से आप हैंडीक्राफ्ट की खूबसूरत चीज़ें खरीद सकते हैं। पास में चांदनी चौक है जहां पराठे वाली गली दुनियाभर में मशहूर है।
नेताजी भवन, पश्चिम बंगाल
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आवास ‘नेताजी भवन’ घूमने का आइडिया भी गणतंत्र दिवस के मौके पर अच्छा रहेगा। नेताजी का जन्मदिन 23 जनवरी को और 26 जनवरी दोनों ही दिन इस भवन की रौनक देखने लायक होती है। भवन में नेताजी से जुड़ी कई सारी चीज़ें हैं। नेताजी की वो कार जिसमें वो सवार होकर कोलकाता से गोमो भागे थे। उनका शयन कक्ष आज भी उसी रूप में है जैसा वो छोड़कर गए थे। कोट, पुरानी तस्वीरें, घड़ी, कपड़े और आयुर्वेदिक दवाएं सब वैसी की वैसी ही हैं। गांधीजी की ही तरह नेताजी का भी देश को आजाद कराने में बहुत बड़ा योगदान था।
इंडिया गेट, नई दिल्ली
इंडिया गेट पर 26 जनवरी को होने वाली सैनिकों की परेड देखना अपने आप में खास होता है। कदम से कदम मिलाते हुए उनकी परेड, देशभक्ति वाले गीत और अलग-अलग राज्यों की खूबसूरत झांकियों को देखने दुनिया के अलग-अलग कोनों से भीड़ जुटती है।
Source: jagran.com