उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इन दिनों साधु संतो का जमावड़ा लगा हुआ है। जी हां, प्रयागराज के कुंभ मेले में साधु संतो का जमावड़ा लगा हुआ है। कुंभ नगरी में इन दिनों लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, तो वहीं चर्चा में साधु संत हैं। कुंभ नगरी में आए साधु संत अपने अलग अलग अंदाज के लिए मशहूर हैं। कुंभ मेले में हर किसी का ध्यान खींचने में सबसे आगे साधु संत ही होते हैं। अलग अलग प्रकार के साधुओं का जमावड़ा कुंभ मेले में देखने को मिल रहा है, जिसमें से कोई बहुत पढ़ा लिखा है, तो कोई अच्छी कंपनी में पहले जॉब करता था। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है? साधु संतों के बीच एक महिला अघोरी की खूब चर्चा हो रही है।
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यह महिला कुंभ मेले में सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। यह महिला इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस महिला का नाम प्रत्यंगीरा नाथ है। यूं तो कुंभ मेले में अनेको साधु संत हैं, लेकिन यह महिला शादीशुदा और खूब पढ़ी लिखी है। इसकी यही खूबी इसे लोगों के बीच मशहूर कर रही है। इतना ही नहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यह एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब भी कर चुकी हैं, लेकिन अब महिला अघोरी बन चुकी हैं और कुंभ मेले में आस्था की डुबकी लगा रही हैं।
हैदराबाद की रहने वाली हैं प्रत्यंगीरा नाथ
कुंभ मेले में सबका ध्यान खींचने वाली प्रत्यंगीरा नाथ हैदराबाद की रहने वाली हैं। प्रत्यंगीरा नाथ काफी पढ़ी लिखी हुई हैं। ग्रेजुएश एमबीए सबकुछ किया हुआ है। इतना ही नहीं, प्रत्यंगीरा नाथ शादीशुदा भी है, जिसकी वजह से कुंभ मेले में लाखों की भीड़ में इनकी चर्चा हो रही है।प्रत्यंगीरा नाथ के पास सबकुछ था, तो फिर वे सबकुछ छोड़कर श्मशान क्यों चली गई? जी हां, यह थोड़ी हैरानी की बात है, लेकिन इसके पीछे उनकी स्वंय की इच्छा है।
सॉफ्टवेयर कंपनी में करती थी काम
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो प्रत्यंगीरा नाथ ने कंप्यूटर एप्लीकेशन में ग्रेजुएशन किया है, इसके अलावा एचआर में एमबीए किया है। पढ़ाई लिखाई होने के बाद इन्होंने 2007 में शादी की और एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने लगे। शादी के बाद इनका जीवन खुशी खुशी चल रहा था, लेकिन बाद में इन्होंने अपना संसार छोड़ दिया। बता दें कि इनकी एक बेटी भी, लेकिन 8 साल पहले इन्होंने सबकुछ त्याग दिया और अब श्मशान में रहती हैं।
लोगों के कल्याण के लिए बनी अघोरी
प्रत्यंगीरा नाथ का कहना है कि घर संसार में उनका मन नहीं लगता और फिर उन्हें लोगों का कल्याण करना था, जिसके लिए वे अघोरी बनी है और श्मशान में पूजा पाठ करती हैं। प्रत्यंगीरा नाथ का कहना है कि दैवीय ऊर्जा से लोगों के दुख दूर करना चाहती हैं, ताकि लोग काफी खुश रहे और किसी भी तरह का उन्हें कोई दुख न हो।
Source: dailyhunt.in