अश्विन का संन्यास : रवींद्र जडेजा ने अश्विन के संन्यास पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय टीम बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले मेलबर्न में प्रैक्टिस सेशन के लिए पहुंची थी। इस दौरान जडेजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने दिल की बात साझा की। उन्होंने अश्विन को अपना मार्गदर्शक बताया।

भारत के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन ने गाबा टेस्ट के आखिरी दिन अचानक संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था। उनके इस फैसले की जानकारी किसी को भी नहीं थी। जैसे ही अश्विन ने अपने फैसले का खुलासा किया, पूरी टीम हैरान रह गई। खासतौर पर उनके उन साथी खिलाड़ियों को बड़ा झटका लगा, जो लंबे समय से उनके साथ खेल रहे थे। अब उनके गेंदबाजी जोड़ीदार रवींद्र जडेजा ने अश्विन के संन्यास पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जडेजा ने बताया कि करीब 10 सालों तक साथ खेलने वाले अश्विन ने उन्हें भी इस बात का कोई संकेत नहीं दिया था।

अश्विन के संन्यास पर क्या बोले जडेजा?

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट 26 दिसंबर से मेलबर्न में खेला जाएगा। इस मुकाबले से पहले, 21 दिसंबर को रवींद्र जडेजा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने आर अश्विन के संन्यास पर अपनी प्रतिक्रिया दी। जडेजा ने खुलासा किया कि उन्हें अश्विन के संन्यास के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस से महज 5 मिनट पहले ही पता चला, जिससे वे हैरान रह गए। जडेजा ने कहा, “हमने पूरा दिन साथ बिताया था, फिर भी उन्होंने इस बारे में कोई संकेत नहीं दिया। मुझे उनके फैसले का अंतिम समय में पता चला। हम सभी जानते हैं कि उनका दिमाग कैसे काम करता है।इतना कहते ही वो हंसने लगे.

रवींद्र जडेजा ने अश्विन को अपना मेंटॉर और गेंदबाजी जोड़ीदार बताया। उन्होंने कहा, “अश्विन ने मैदान पर एक मेंटॉर की तरह मेरा साथ दिया। हम लगातार मैदान, परिस्थितियों, मैच की स्थिति और बल्लेबाजों के खिलाफ रणनीतियों पर चर्चा करते रहते थे। मैं इन सब चीजों को बहुत याद करूंगा। लेकिन अब हमें आगे बढ़ना होगा। उम्मीद है कि हमें एक स्पिनर और ऑलराउंडर के रूप में उनका अच्छा विकल्प मिलेगा।जडेजा ने अश्विन के संन्यास को युवा खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा अवसर भी बताया।

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अश्विन और जडेजा का साथ में प्रदर्शन

अश्विन और जडेजा ने एक साथ 58 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने मिलकर 587 विकेट हासिल किए। इस दौरान दोनों ने 38 बार एक पारी में 5 विकेट लेने का शानदार प्रदर्शन किया। उनकी मौजूदगी में भारतीय टीम घरेलू मैदान पर शायद ही कभी हारती थी। इन दोनों खिलाड़ियों के साथ, भारत ने घरेलू टेस्ट में 35 मैचों में जीत दर्ज की, जबकि केवल 6 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा।

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