Delhi-NCR Pollution: दिल्लीएनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। ऐसे में लोग यह जानना चाह रहे हैं कि इस स्थिति में टहलने या सैर करने का सही समय कब है। आइए जानते हैं, इस बारे में विशेषज्ञों की क्या राय है।

भारत के अधिकांश हिस्से इस समय गंभीर प्रदूषण और जहरीली हवा की चपेट में हैं। एयर क्वालिटी लेवल बेहद खराब होने के कारण GRAP 2 (ग्रेप 2) लागू किया गया है, जिसके तहत प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों, जैसे निर्माण कार्यों, पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही, कुछ विशेष वाहनों के संचालन पर भी रोक लगाई गई है। ऐसी प्रदूषित हवा में सांस लेना हृदय और फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो सांस की बीमारियों, फेफड़ों की समस्याओं या एलर्जी से पीड़ित हैं। हर साल दिवाली के आसपास बढ़ते प्रदूषण से लोग परेशान होते हैं, जिसका एक मुख्य कारण पराली जलाना भी है। अब सवाल यह उठता है कि इस विषाक्त हवा के बीच अपनी सेहत का सही तरीके से ख्याल कैसे रखा जाए।

लोग बाहर सैर पर जाने से पहले कई बार सोचविचार कर रहे हैं या फिर उनके मन में यह सवाल उठ रहा है कि सुबह या शाम वॉक के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर और प्रोफेसर जुगल किशोर शर्मा ने टीवी9 के साथ इस विषय पर चर्चा करते हुए कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। साथ ही, जानिए बढ़े हुए एक्यूआई स्तर के बीच वॉक करने का सही समय क्या है।

एयर पॉल्यूशन के खतरे Air Pollution affects on health

दिवाली के आसपास का माहौल अस्थमा या श्वसन संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए बेहद खराब हो जाता है। अचानक हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से आंखों में जलन, त्वचा पर एलर्जी, सांस लेने में कठिनाई और खांसीजुकाम जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसी कारण सरकार को प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों पर रोक लगाने की आवश्यकता पड़ती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को इस समय केवल आवश्यक होने पर ही बाहर निकलना चाहिए। सैर करने वाले लोगों को इस दौरान कब बाहर जाना चाहिए, यह जानने के लिए विशेषज्ञों से सलाह लें।

टहलने का सही समय क्या? Walk timing in Delhi-NCR

डॉ. जुगल किशोर शर्मा का कहना है कि हमें सुबह के बजाय शाम को सैर करनी चाहिए। विशेषज्ञ के अनुसार, रात के समय मौसम ठंडा रहता है, जबकि सुबह की हवा में समस्या बढ़ जाती है। इस स्थिति में सुबह की हवा में सांस लेना अधिक कठिनाई पैदा कर सकता है। इसके बजाय, दिनभर गर्म मौसम के कारण शाम के समय कुछ मिनट टहलना बेहतर होता है। डॉ. शर्मा ने यह भी बताया कि अगर प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है, तो घर पर रहना ही बेहतर है।

उन्होंने कहा कि सुबह के समय प्रदूषण के संपर्क में आने का खतरा अधिक होता है, इसलिए इस समय टहलने से बचना चाहिए। यदि आप घर पर हैं, तो आप इंडोर एक्सरसाइज या योगासन कर सकते हैं। ब्रीदिंग एक्सरसाइज से हमारे फेफड़ों की सेहत में सुधार होता है। विशेषज्ञ ने यह भी सलाह दी कि ऐसी चीजें न जलाएं, जो प्रदूषण बढ़ाती हैं, जैसे कूड़े जलाना और हवन करना।

आजमाएं ये नुस्खे

इस तरह की हवा में खांसी और जुकाम के मामलों में बढ़ोतरी हो जाती है, और ये एलर्जी के कारण भी हो सकते हैं। इनसे प्राकृतिक राहत पाने के लिए कई देसी नुस्खे आजमाए जा सकते हैं। जुकाम से राहत पाने के लिए भाप लेना सबसे प्रभावी उपाय है, क्योंकि इससे छाती में जमा कफ बाहर निकल जाता है और फेफड़ों में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है।

हर्बल चाय का सेवन करने से भी इम्यूनिटी में सुधार होता है। रोजाना एक बार ग्रीन टी पिएं। इसके अलावा, दालचीनी, अदरक, इलायची, और लौंग जैसे मसालों से बनी चाय भी हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती है।

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