दिल्ली प्रदूषण : कई शहरों में प्रदूषण का स्तर लगातार ऊंचा बना हुआ है। ऐसे में घर से बाहर निकलते समय आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ये सावधानियां आपकी सेहत को सुरक्षित रखने में मदद कर सकती हैं, इसलिए इन पर जरूर ध्यान दें।
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दिल्ली की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। सोमवार रात 9 बजे दिल्ली का एक्यूआई 399 दर्ज किया गया, जो रात 10 बजे के बाद 400 के पार चला गया। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 17 दिसंबर को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है। इससे पहले, 16 दिसंबर को GRAP का तीसरा चरण लागू किया गया था, जिसमें प्रदूषण को रोकने और कम करने के लिए कई पाबंदियां लगाई गई थीं।
प्रदूषण का सेहत पर बुरा असर पड़ता है, लेकिन कामकाज के लिए बाहर निकलना जरूरी हो जाता है। खासकर वे लोग, जो अत्यधिक प्रदूषण वाले शहरों में रहते हैं, अपनी सेहत को लेकर अधिक चिंतित रहते हैं। प्रदूषण से सांस की दिक्कत, अस्थमा, एलर्जी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, यदि आप प्रदूषण के बीच बाहर जा रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
दिल्ली प्रदूषण : सेहत का ध्यान कैसे रखें
दिल्ली सरकार के चीफ आयुर्वेदिक ऑफिसर डॉ. आरपी पराशर के अनुसार, बढ़ते प्रदूषण और ठंड के कारण सर्दी–जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। इनसे बचने के लिए गुनगुना पानी पीएं, जिसमें अजवाइन डाल सकते हैं। बाहर निकलते समय नाक में एक–दो बूंद तेल डालें और ठंडी चीजों का सेवन न करें। सुबह–शाम आंखों पर पानी के छींटे मारें ताकि गंदगी साफ हो सके और घर से बाहर जाते समय मास्क जरूर लगाएं।
मास्क का उपयोग करें
प्रदूषण से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि सही क्वालिटी वाला मास्क पहनें। यह धूल, धुआं और अन्य हानिकारक कणों से आपकी रक्षा करता है। खासतौर पर उन जगहों पर मास्क पहनें, जहां प्रदूषण का स्तर अधिक हो।
चश्मा लगाएं
प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, खुजली या लाली हो सकती है। ऐसे में प्रदूषित इलाकों में जाने पर आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा जरूर पहनें। यह आपकी आंखों को प्रदूषण से बचाने में मदद करेगा।
दवाइयां साथ रखें
यदि आपको पहले से अस्थमा या सांस संबंधी समस्या है, तो कोशिश करें कि घर पर रहें। यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो अपनी दवाइयां और इनहेलर हमेशा साथ रखें ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत उपयोग कर सकें।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें
प्रदूषण बढ़ाने में वाहनों से निकलने वाला धुआं भी बड़ी भूमिका निभाता है। ऐसे में निजी वाहन का इस्तेमाल कम करें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें। यदि संभव हो, तो अपने ऑफिस या पड़ोस के लोगों के साथ कारपूलिंग करें।
इन सावधानियों को अपनाकर आप प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से अपनी सेहत को बेहतर तरीके से बचा सकते हैं।