आशा भोसले ने परदे में रहने दो, चुरा लिया है और उड़े जब जब जुल्फें तेरी जैसे कई मशहूर गानों को अपनी आवाज दी है। वह फिल्म जगत की दिग्गज गायिकाओं में गिनी जाती हैं। अपने करियर में आशा ने कई हिट गाने गाए, हालांकि उनकी शादीशुदा जिंदगी में कई उतारचढ़ाव आए।

 पिया तू अब तो आ जा, इशारोंइशारों में, दिल चीज क्या है आप मेरी जान लीजिए, बस एक बार मेरा कहा मान लीजिएजैसे गाने जब भी बजते हैं, लोग काम छोड़कर इन्हें सुनने बैठ जाते हैं। इन अद्भुत गानों को अपनी आवाज देने वाली आशा भोसले एक ऐसा नाम हैं, जिन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं। लता मंगेशकर की छोटी बहन और दीनानाथ मंगेशकर की बेटी आशा ने फिल्मी और गैरफिल्मी करीब 16 हजार गाने गाए हैं। उनकी फैन फॉलोइंग न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में है। हालांकि, आशा की निजी जिंदगी उनके करियर जितनी सफल नहीं रही।

आशा को एक गलत इंसान से प्यार हो गया था, और इसने उनकी जिंदगी पर ऐसा गहरा असर डाला, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। पिता के निधन के बाद सिंगर बनना आशा के लिए केवल एक सपना नहीं, बल्कि एक जरूरत भी बन गया था। इस कठिन दौर में उन्होंने एक ऐसा निर्णय लिया, जिसने उनकी पूरी जिंदगी को बदल दिया। बॉलीवुड शादी डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, आशा लता मंगेशकर के सेक्रेटरी गणपतराव भोसले के साथ रिलेशनशिप में आ गईं। दोनों के बीच इतना गहरा प्यार था कि महज 16 साल की उम्र में, 1949 में, आशा ने 31 वर्षीय गणपतराव से शादी कर ली।

आशा भोसले की मैरिज लाइफ : शादी के 11 साल बाद दोनों हो गए थे अलग

आशा के इस फैसले के खिलाफ पूरा मंगेशकर परिवार था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने गणपतराव से शादी कर ली। इस फैसले से उनकी बहन लता मंगेशकर इतनी नाराज हुईं कि सालों तक उनसे बात नहीं की और सभी रिश्ते तोड़ दिए। गणपतराव के परिवार ने भी आशा को कभी स्वीकार नहीं किया। दोनों के तीन बच्चे हुए, दो बेटे और एक बेटी। हालांकि, शादी के 11 साल बाद, 1960 में, वे अलग हो गए। कहा जाता है कि आशा को ससुराल में शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ा। आखिरकार, एक दिन ससुराल वालों ने उन्हें बच्चों के साथ घर से निकाल दिया, और उस समय आशा गर्भवती थीं। मजबूरी में वे अपने दो बच्चों के साथ मायके लौट आईं। इस मुश्किल दौर के बाद, आशा पूरी तरह से टूट गई थीं, लेकिन उन्होंने अपने करियर पर ध्यान केंद्रित किया और एक के बाद एक सुपरहिट गाने गाए।

शादी के 14 साल बाद टूट गया साथ

आशा भोसले की मैरिज लाइफ : 1966 में फिल्म तीसरी मंजिल के गानों की रिकॉर्डिंग के दौरान आशा भोसले की मुलाकात आर.डी. बर्मन से हुई। लगातार काम करने के दौरान दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई, जो कब प्यार में बदल गई, इसका अंदाजा उन्हें भी नहीं हुआ। एक दिन बर्मन ने आशा को शादी के लिए प्रपोज़ किया, और आशा ने तुरंत हामी भर दी। लेकिन बर्मन की मां ने इस शादी के लिए मना कर दिया और कहा कि अगर ये शादी होगी, तो मेरी लाश पर होगी। उनका विरोध इसलिए था क्योंकि आशा बर्मन से 6 साल बड़ी थीं और तीन बच्चों की मां थीं।

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बर्मन ने मां की इच्छा का सम्मान करते हुए शादी का ख्याल छोड़ दिया। हालांकि, जब बर्मन के पिता एस.डी. बर्मन का निधन हुआ, तो उनकी मां की मानसिक स्थिति बिगड़ गई। उनकी हालत में सुधार लाने के लिए बर्मन ने 1980 में आशा भोसले से शादी कर ली। यह बर्मन की भी दूसरी शादी थी। शादी के 14 साल बाद, 1994 में, बर्मन को दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

शुरू से ही रहा है संघर्ष 

आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक मराठी परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्होंने जीवन के संघर्षों का साहसपूर्वक सामना किया। जब आशा सिर्फ 9 साल की थीं, उनके पिता का निधन हो गया, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो गई। छोटी उम्र में ही उन्होंने काम करना शुरू कर दिया। उस समय उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर पहले ही फिल्म इंडस्ट्री में एक पहचान बना चुकी थीं, जिससे आशा पर भी लता की बहन होने का दबाव था। इसके बावजूद, उन्होंने कड़ी मेहनत से अपनी अलग पहचान बनाई।

बेटी ने कर लिया सुसाइड

आशा भोसले के बड़े बेटे का नाम हेमंत, दूसरे बेटे का नाम आनंद और बेटी का नाम वर्षा था। वर्षा ने खेल पत्रकार हेमंत केंकरे से शादी की थी, लेकिन 1998 में उनका तलाक हो गया। इसके बाद वह अपनी मां आशा के साथ रहने लगीं। दुखद रूप से, अक्टूबर 2012 में 56 साल की उम्र में वर्षा ने आत्महत्या कर ली। इसके बाद, 2015 में उनके बेटे हेमंत की भी 66 साल की उम्र में कैंसर के कारण मृत्यु हो गई। फिलहाल, आशा भोसले सिंगिंग के साथ रेस्टोरेंट के बिजनेस में भी सक्रिय हैं। उनके दुनियाभर में दर्जनभर से अधिक रेस्टोरेंट्स हैं, जिनमें पहला दुबई में आशाज रेस्टोरेंट के नाम से खोला गया था, इसके बाद कुवैत और मैनचेस्टर में भी रेस्टोरेंट्स खुले।

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