Arthritis Problem: यह सोचना गलत होगा कि आर्थराइटिस केवल बुजुर्गों की समस्या है। आजकल युवा भी इस बीमारी से प्रभावित हो रहे हैं। आइए जानें हमारे विशेषज्ञ से कि आर्थराइटिस में कैसी डाइट अपनानी चाहिए और किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Arthritis Problem: जैसेजैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, और 30 के बाद बोन डेंसिटी में गिरावट आनी शुरू हो जाती है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही भी हड्डियों से जुड़ी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। खराब लाइफस्टाइल के चलते आजकल न सिर्फ बुजुर्ग, बल्कि युवा भी आर्थराइटिस की चपेट में आ रहे हैं।

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और हॉस्पिटल में क्लीनिकल इम्यूनोलॉजीरूमेटोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. पुनीत कुमार के अनुसार, आर्थराइटिस एक आम समस्या बन चुकी है। यह हड्डियों से जुड़ी बीमारी उम्र बढ़ने के साथ शुरू होती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि आर्थराइटिस के 100 से भी ज्यादा प्रकार होते हैं, जिनमें रूमेटोइड आर्थराइटिस सबसे अधिक पाया जाने वाला प्रकार है।

आर्थराइटिस डाइट प्लान : क्या हमेशा के लिए रहता है?

डॉ. पुनीत कुमार के अनुसार, इंफेक्शन से होने वाला आर्थराइटिस आमतौर पर कुछ समय के इलाज के बाद ठीक हो जाता है, लेकिन क्रॉनिक मामलों में दवाएं लंबे समय तक या जीवनभर लेनी पड़ सकती हैं। जिन लोगों को थायरॉइड या डायबिटीज जैसी बीमारियां होती हैं, उनमें आर्थराइटिस का खतरा अधिक होता है, क्योंकि यह एक मेटाबॉलिक सिंड्रोम है। इसके लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न शामिल हो सकते हैं।

डाइट में क्या खाएं और क्या नहीं

रूमेटोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. पुनीत कुमार का कहना है कि आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, जिन लोगों को पहले से ही गाउट की समस्या है, उन्हें अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, विशेष रूप से रेड मीट को पूरी तरह से अपनी डाइट से निकाल देना चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि आहार में कम प्रोटीन वाली चीजों को शामिल करें और हरी सब्जियों के साथसाथ विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं। इससे न केवल इम्यूनिटी मजबूत होगी बल्कि आर्थराइटिस में भी लाभ मिलेगा। डॉ. पुनीत कुमार सलाह देते हैं कि डाइट में दूध, दही और पनीर को पर्याप्त मात्रा में शामिल करें, जिससे हड्डियां मजबूत बनी रहें और आर्थराइटिस के लक्षणों में राहत मिले। खासतौर पर मेनोपॉज़ के बाद महिलाओं की बोन डेंसिटी घटने लगती है, ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह से उन्हें कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंट दिए जा सकते हैं।

स्मोकिंग और शराब से दूरी

डॉ. पुनीत जोर देते हैं कि आर्थराइटिस की समस्या से बचने के लिए सिगरेट या किसी भी तरह की धूम्रपान से पूरी तरह दूरी बनाएं। यदि आप शराब का सेवन करते हैं, तो इसे भी छोड़ना बेहतर होगा, क्योंकि ये दोनों ही आदतें जोड़ों की समस्या को बढ़ा सकती हैं।

कितनी देर करें एक्सरसाइज

जोड़ों की समस्या से जूझ रहे लोगों को रोजाना कम से कम आधे घंटे तक हल्की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। वॉकिंग एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है, जो काफी लाभदायक साबित होगा। एक्सरसाइज के साथ पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है, साथ ही अपने वजन को नियंत्रित रखना आवश्यक है।

डॉ. पुनीत कुमार सलाह देते हैं कि ऐसी मेडिकल कंडीशन में तनाव कम से कम लें, क्योंकि यह सेहत के लिए फायदेमंद होगा। इसके अलावा, नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लेना भी बेहद जरूरी है।

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