हरियाली तीज 2024: हरियाली तीज का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए व्रत करती हैं। यह पर्व कुंवारी लड़कियों के लिए भी खास महत्व रखता है। इस साल हरियाली तीज 7 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी।

हरियाली तीज 2024: हर साल सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है। यह पर्व मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुखमय जीवन, और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए सोलह श्रृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और उपवास रखती हैं।

हरियाली तीज का त्योहार केवल सुहागिन महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि कुंवारी कन्याओं के लिए भी विशेष महत्व रखता है। इस दिन कुंवारी कन्याएँ अपने मनचाहे और योग्य वर की प्राप्ति के लिए उपवास करती हैं। मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है, कुंवारी कन्याओं को इच्छित वर प्राप्त होता है, और जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।

हरियाली तीज का पर्व क्यों मनाया जाता है?

सावन के महीने में मनाए जाने वाले हरियाली तीज के त्योहार का अत्यधिक महत्व है। भारत में विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। हरियाली तीज का पर्व क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में कुछ पौराणिक कथाएँ बताती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था।

Hariyali Teej 2024: पौराणिक कथा के अनुसार

माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या और भक्ति से प्रभावित होकर, भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। इसीलिए, इस दिन को माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि तभी से हरियाली तीज का त्योहार मनाने की परंपरा शुरू हुई।

माता पार्वती ने रखा था सबसे पहले हरियाली तीज का व्रत

कहा जाता है कि हरियाली तीज का व्रत सबसे पहले हिमालय की पुत्री माता पार्वती ने किया था। इस व्रत के प्रभाव से ही भगवान शंकर ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इसी वजह से हरियाली तीज के दिन कुंवारी कन्याएं अपने मनचाहे वर की प्राप्ति और विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए व्रत रखती हैं।

हरियाली तीज पर क्यों किया जाता है श्रृंगार?

हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। इस दिन श्रृंगार का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि श्रृंगार करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इसलिए, माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए सुहागिन महिलाएं श्रृंगार करती हैं और अपने अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। यदि सोलह श्रृंगार नहीं कर पाएं, तो भी स्नान करके नए कपड़े पहनना चाहिए और चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, और मेहंदी से श्रृंगार करना चाहिए।

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हरियाली तीज के दिन करें इन मंत्रों का जाप

हरियाली तीज के दिन पूजा अर्चना के दौरान मंत्र जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना और माता पार्वती की पूजा के समय ‘ॐ उमायै नम:’ मंत्र का जाप करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।

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