स्वामी विवेकानंद के 10 उद्धारण। स्वामी विवेकानंद के 10 उद्धारण आपके जीवन को बदल सकते हैं।

भारत के महान महापुरुष स्वामी विवेकानंद को आज भी पूरी दुनिया अपना आदर्श मानती है। उनके द्वारा प्रेरित आदर्श विचारों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। इस उत्कृष्ट लेख में, हम स्वामी विवेकानंद की 10 बातें साझा कर रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन को सुधार सकते हैं।

Table of Contents

1. आप खुद को मजबूत समझते हैं,तो आप मजबूत होंगे।

जैसा आप अपने आपको समझते हैं, वैसे ही आप बनते जा रहे हैं। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमेशा अपने आत्मविश्वास को बनाए रखना महत्वपूर्ण है, और किसी भी परिस्थिति में उस कार्य को पूरा करने के लिए आपको खुद को प्रेरित करना होगा।

2. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं कर सकते,तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।

जब तुम अपने आप पर विश्वास करोगे, तब लोग भी तुम पर विश्वास करेंगे। किसी भी परिस्थिति में खुद पर विश्वास रखना महत्वपूर्ण है, और इसलिए खुद पर विश्वास करना जरूरी है ताकि तुम भगवान पर भी विश्वास रख सको।

3. एक समय में एक ही काम करो और इस काम करने के दौरान,अपनी पूरी आत्मा को उसमे लगा दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।”

किसी भी कार्य को करते समय, अपना पूरा ध्यान लगा दें और सिर्फ उस कार्य पर ही ध्यान केंद्रित करें, अन्य सभी चीजों को भूल जाएं।

अपने कार्य को पूरा करने के लिए अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा लगा दें। ऐसा करने से, एक दिन आपको अपने कार्य के सफल परिणाम का अनुभव होगा।

4. संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है,असंभव के आगे निकल जाना।

किसी कार्य को अपने हाथों में नहीं लेते, तब तक वह कार्य असंभव लगता है।

5. सबसे बडा धर्म अपने स्वभाव के प्रति निष्ठावान रहना हैं।

आपकी पहचान आपके स्वभाव और विचारों से होती है। हमेशा अपने स्वभाव के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए।

6. दुनिया सबसे बडी व्यायामशाला हैं,जहां हम खुदको बनाने के लिए आते हैं।

यह दुनिया बहुत बड़ी है। यहाँ विभिन्न प्रकार के लोग रहते हैं। हमें किसी भी व्यक्ति से कुछ नया सीखकर खुद को सुधारने का अवसर हो सकता है।

7. भारत के विकास एवं प्रगति में योगदान देना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य हैं।

हमें अपनी क्षमताओं के आधार पर समाज में योगदान करना चाहिए। एक छोटे से योगदान का भी योगदान भारत के विकास और प्रगति में सहायक हो सकता है।

8. बंधन और भ्रम को दूर करने के लिए,कार्य और पूजा आवश्यक हैं।

भगवान के प्रति पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए, किंतु अंधश्रद्धा नहीं होनी चाहिए। पूजा करने से भ्रम दूर होगा और मन भी प्रफुल्लित होगा। कार्य करने से भी मन और तन प्रफुल्लित होगा।

9. दिन में एक बार अपने आप से बात करें।अन्यथा आप इस दुनिया में एक उत्कृष्ट व्यक्ति से मिलने से चूक सकते हैं।

हमें दिन में कम से कम एक बार अपने आत्मसमर्पण से मिलना चाहिए। इससे हम अपनी गुणधर्म और कमजोरियों को समझ सकते हैं, और खुद को स्थायी करने के लिए आत्म-प्रेरित हो सकते हैं।

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10. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से ही हमारी हैं।यह तो हम हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं की कितना अंधेरा हैं।

भगवान ने हम सभी को अद्भुत शक्तियों से संपन्न किया है। बस हमें इसे पहचानने की आवश्यकता है। अपने आंतरिक भावनाओं में गहराईयों तक जा कर, तुम भी अद्भुत गुणों की खोज कर सकते हो, उन्हें पहचान सकते हो और उन्हें अपने जीवन में शामिल करके देख सकते हो। फिर देखो, कैसे जीवन में अद्वितीय परिवर्तन होता है।

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