तब्बू की साड़ियां प्रेस : आज के समय में बड़े–बड़े सितारों को अपनी मर्जी से काम करवाना आसान नहीं, लेकिन रोहित शेट्टी इसमें माहिर हैं। उनकी फिल्में आज करोड़ों का कारोबार करती हैं, लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब रोहित शेट्टी को अपना घर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा था और 35 रुपये की मामूली तनख्वाह बचाने के लिए उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था।
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संघर्ष के दिनों में, जब किसी व्यक्ति को काम नहीं मिलता, तो वह कोई भी काम करने के लिए तैयार हो जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ मशहूर निर्देशक रोहित शेट्टी के साथ। अपने कठिन दिनों में उन्होंने हर तरह का काम किया, लेकिन कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद जब उनकी किस्मत ने करवट ली, तो उन्होंने बड़े–बड़े सितारों को अपनी उंगलियों पर नचाया। भले ही वो खुद पर्दे पर नजर न आए हों, लेकिन एक्शन की दुनिया में उन्हें बादशाह का खिताब मिला है। इसके साथ ही, रोहित शेट्टी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे गुड लुकिंग और चार्मिंग डायरेक्टर्स में से एक माने जाते हैं।
आज के समय में रोहित शेट्टी को भला कौन नहीं जानता? वह शानदार स्टंट्स और धमाकेदार एक्शन के लिए मशहूर हैं। उनकी फिल्मों में हीरो का हेलीकॉप्टर से कूदना, चलती गाड़ियों का घुमावदार स्टंट करना और एक के बाद एक गाड़ियों को पलटते देखना आम बात है। लेकिन इन सीन्स को वो इतने बेहतरीन अंदाज में पेश करते हैं कि दर्शक सिनेमाघरों में सीटियां और तालियां बजाने पर मजबूर हो जाते हैं। हालांकि, रोहित शेट्टी ने अपने जीवन में बेहद मुश्किल दौर भी देखा है। एक समय था जब वह सेट पर स्पॉटबॉय का काम करते थे और तब्बू की साड़ियां प्रेस करते थे। आइए, जानते हैं उनके संघर्ष की कहानी।
कैसे शुरू हुआ रोहित शेट्टी के परिवार में मुफलिसी का दौर
अगर कोई शून्य से शिखर तक पहुंचने का सपना देख रहा है, तो उसे एक बार रोहित शेट्टी के संघर्ष की कहानी जरूर सुननी चाहिए। उनका जीवन सफर प्रेरणा का एक बेहतरीन उदाहरण है। रोहित शेट्टी, जो आज एक प्रसिद्ध निर्देशक हैं, मशहूर स्टंटमैन और फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएं निभाने वाले एमबी शेट्टी के बेटे हैं। उनकी मां रत्ना ने भी फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट के रूप में काम किया। रोहित का बचपन मुंबई के सांताक्रूज इलाके में बीता, जहां उन्होंने पढ़ाई की। लेकिन जब वह सिर्फ 5 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया, और यहीं से उनके परिवार में कठिनाइयों का दौर शुरू हुआ।
जब बिक गया रोहित शेट्टी का घर
रोहित शेट्टी के पिता परिवार के लिए कुछ भी आर्थिक सहारा छोड़कर नहीं गए थे, जिसके चलते उनकी मां को फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट के रूप में काम करना पड़ा। आर्थिक हालात इतने बिगड़ गए थे कि उनका घर तक बिक गया, और रोहित को दहिसर में अपनी नानी के घर पर शरण लेनी पड़ी। दहिसर से सांताक्रूज तक का सफर करीब डेढ़ घंटे का था, और आने–जाने में काफी खर्च होता था। दसवीं कक्षा तक हालात इतने कठिन हो गए कि रोहित को पढ़ाई से ज्यादा परिवार के लिए कमाई की चिंता सताने लगी।
जब प्रेस कीं तब्बू की साड़ियां
उस समय रोहित शेट्टी की बहन चंदा ने मशहूर निर्देशक कुक्कू कोहली से उनके लिए सिफारिश की थी। करीब डेढ़ साल बाद, कुक्कू कोहली ने रोहित को 35 रुपये रोजाना के खर्चे पर काम पर रख लिया। उस समय कुक्कू कोहली अजय देवगन की पहली फिल्म फूल और कांटे बना रहे थे। रोहित शेट्टी ने वह 35 रुपये बचाने के लिए मलाड से अंधेरी स्थित स्टूडियो तक पैदल सफर किया। एक इंटरव्यू में रोहित ने बताया कि फिल्म हकीकत की शूटिंग के दौरान उन्होंने तब्बू की साड़ियों को प्रेस करने का काम भी किया था। इतना ही नहीं, वह काजोल के स्पॉटबॉय के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
ऐसे चमका रोहित शेट्टी की किस्मत का सितारा
रोहित शेट्टी ने फिल्म सुहाग में अक्षय कुमार के बॉडी डबल के तौर पर भी काम किया था। उस समय उनके घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उनकी मां को अमिताभ बच्चन से पैसे उधार लेने पड़े। बिग बी, रोहित के पिता के दोस्त थे, इसलिए उन्होंने उनकी मदद की। धीरे–धीरे हालात बदलने लगे, और इसी दौरान लेखक नीरज वोरा रोहित के पास कॉमेडी फिल्म गोलमाल की कहानी लेकर आए। शुरुआत में रोहित इस फिल्म को बनाने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे निर्देशित किया। गोलमाल ने शानदार सफलता हासिल की, और इसके बाद रोहित शेट्टी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज उनकी फिल्मों में शाहरुख खान, अजय देवगन, तब्बू और काजोल जैसे बड़े सितारे नजर आते हैं।