वीराना फिल्म : हॉरर फिल्मों के लिए प्रसिद्ध रामसे ब्रदर्स के तुलसी रामसे का एक बार वास्तविक भूत से सामना हुआ था। इस घटना का जिक्र फतेहचंद रामसे की पोती अलीशा क्रिपलानी ने अपनी किताब में किया है। उनका मानना है कि इसी घटना से प्रेरित होकर रामसे ब्रदर्स ने फिल्म ‘वीराना‘ बनाई थी।
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हिंदी सिनेमा में जब भी हॉरर फिल्मों की बात होती है, तो रामसे ब्रदर्स का नाम जरूर सामने आता है। राम रामसे और तुलसी रामसे, ये दोनों फिल्म निर्माता अपने डरावने सिनेमा के लिए मशहूर थे। उनकी हॉरर फिल्में इतनी भयावह होती थीं कि देखने के बाद लोग दिन में भी अकेले बाहर निकलने से कतराते थे। उनकी सबसे लोकप्रिय फिल्मों में से एक है ‘वीराना।’ इस फिल्म को आए 36 साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन आज भी यह फिल्म दर्शकों को डराने में सफल रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामसे ब्रदर्स को ‘वीराना’ बनाने का ख्याल कैसे आया? आइए, आपको बताते हैं।
‘वीराना’ को अक्सर जैस्मीन म्यूजिक के नाम से भी याद किया जाता है, जो फिल्म में एक चुड़ैल का किरदार है। यह चुड़ैल अपनी मोहक अदाओं से पुरुषों को रिझाती है और बाद में उनकी हत्या कर देती है। फतेहचंद रामसे की पोती, अलीशा क्रिपलानी ने अपनी किताब ‘घोस्ट्स इन आवर बैकयार्ड: द रामसेज रियल लाइफ एनकाउंटर विद सुपरनैचुरल’ में इस बात का खुलासा किया है कि रामसे ब्रदर्स को इस फिल्म की कहानी बनाने का विचार कैसे आया।
रामसे का जब असल जिंदगी में हुआ भूत से सामना
1988 में बनी फिल्म ‘वीराना’ का आइडिया लगभग पांच साल पहले एक ऐसे भयावह अनुभव से आया, जो रामसे ब्रदर्स में से श्याम रामसे के साथ हुआ था और जिसने उनकी रूह तक को झकझोर दिया। इस घटना से प्रेरित होकर उन्होंने फिल्म ‘वीराना’ बनाई। अलीशा की किताब के अनुसार, यह घटना 1983 की है, जब श्याम रामसे अपनी फिल्म ‘पुराना मंदिर‘ की शूटिंग के लिए महाबलेश्वर में थे। शूटिंग के बाद, जबकि पूरी टीम वापस लौट आई, श्याम रामसे ने वहीं रुकने का फैसला किया। कुछ दिनों बाद, जब वह रात को लौट रहे थे, एक महिला ने उनसे लिफ्ट मांगी। वह महिला बहुत खूबसूरत थी, और श्याम रामसे ने उसे कार में लिफ्ट दे दी। लेकिन जब उन्होंने महिला से बात करने की कोशिश की, तो कुछ अजीब सा महसूस हुआ। महिला पूरे रास्ते सिर्फ शीशे की ओर ही देख रही थी।
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उस महिला को देख कांप गए थे रामसे
अलीशा ने अपनी किताब में आगे बताया कि इसके बाद महिला के पैर मुड़ गए और वह एक कब्रिस्तान के पास उतर गई। श्याम रामसे ने वहां से जल्दी से भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन इस अनुभव को उन्होंने अपनी फिल्म ‘वीराना’ में इस्तेमाल किया। ‘वीराना’ को कई साल हो गए हैं, लेकिन उसकी नीली आंखों वाली अभिनेत्री जैस्मीन आज भी लोगों के जेहन में बसी हुई हैं। हालांकि, इस फिल्म के बाद जैस्मीन किसी और फिल्म में नजर नहीं आईं। बाद में रामसे ब्रदर्स ने खुलासा किया कि अपनी मां के निधन के बाद जैस्मीन ने फिल्म इंडस्ट्री से अलविदा ले ली थी।
रामसे ब्रदर्स को ‘बंद दरवाजा’, ‘पुरानी हवेली’, ‘तहखाना’ जैसी फिल्मों के अलावा टीवी पर जी हॉरर शोज के लिए भी जाना जाता है।