नेल एक्सटेंशन नुकसान : लड़कियों के बीच लंबे नाखून रखने का ट्रेंड काफी समय से लोकप्रिय रहा है। पहले जहां आर्टिफिशियल नेल्स चिपकाकर यह स्टाइल अपनाया जाता था, वहीं अब नेल एक्सटेंशन का चलन तेजी से बढ़ रहा है। अगर आप भी नेल एक्सटेंशन कराने की सोच रही हैं, तो इसके संभावित नुकसान जानना जरूरी है।

चमकदार और लंबे नाखून पाने के लिए लड़कियां कई तरह की रेमेडीज आजमाती हैं। अब नेल एक्सटेंशन मार्केट में काफी लोकप्रिय हो चुका है, क्योंकि इस प्रक्रिया में प्राकृतिक नाखूनों के ऊपर आर्टिफिशियल नेल्स लगाए जाते हैं। इन्हें पसंद के अनुसार शेप और डिज़ाइन दिया जाता है, जिससे हाथ और भी खूबसूरत दिखते हैं। नेल एक्सटेंशन की अवधि आमतौर पर तीन से छह महीने तक रहती है। हालांकि, इससे नाखून आकर्षक तो नजर आते हैं, लेकिन इससे जुड़े कुछ जोखिम भी हो सकते हैं।

नेल एक्सटेंशन आजकल एक लोकप्रिय ब्यूटी ट्रेंड बन गया है। यह आपके हाथों की खूबसूरती को बढ़ा देता है, लेकिन इसके साथ कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं। नेल एक्सटेंशन से न केवल त्वचा पर, बल्कि आपकी सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए नेल एक्सटेंशन कराने से पहले इसके संभावित नुकसान जरूर जान लें।

नेल एक्सटेंशन नुकसान : नेचुरल नेल्स डैमेज होना

नेल एक्सटेंशन करवाने से पहले नेचुरल नाखूनों को घिसा जाता है, जिससे उनकी प्राकृतिक चमक खो जाती है। इससे नाखून कमजोर होकर टूटने लगते हैं और उनकी ग्रोथ भी प्रभावित होती है। एक्सटेंशन हटाने के बाद नाखून और हाथ अनआकर्षक दिख सकते हैं। इस प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स के कारण नाखूनों का रंग बदल सकता है, जिससे नाखूनों पर रेखाएं, सफेद या काले धब्बे, और गड्ढों जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

स्किन इन्फेक्शन होना

नेल एक्सटेंशन करवाने से आपकी रोजमर्रा की गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। कई बार एक्सटेंशन करने वाले प्रोफेशनल नहीं होते, जिससे जोखिम बढ़ जाता है। अनहाइजीनिक टूल्स के इस्तेमाल से बैक्टीरिया त्वचा के संपर्क में आकर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा, नाखून चिपकाने में उपयोग होने वाले केमिकल्स के कारण स्किन इंफेक्शन होने की भी संभावना रहती है।

क्यूटिकल्स ड्राई होना

नेल एक्सटेंशन कराने से नाखूनों के आसपास की त्वचा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए अतिरिक्त देखभाल जरूरी होती है। इससे क्यूटिकल्स सूख सकते हैं, जिसके कारण रैशेज, खुजली, त्वचा पर पपड़ी जमना और घाव बनने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो काफी असहजता पैदा कर सकती हैं।

बड़ी बीमारियों का डर

नेल एक्सटेंशन के दौरान नेल्स पर लगाए गए केमिकल्स को सुखाने के लिए यूवी लाइट्स का उपयोग किया जाता है। इससे हाथों की त्वचा समय से पहले बूढ़ी दिख सकती है और प्रीमेच्योर एजिंग की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, अगर इस प्रक्रिया को बारबार दोहराया जाए तो स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।

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